क्रोध-मान-माया-लोभ होने लगें तो होने देना, कुचारित्र के विचार आएँ तो उसमें हर्ज़ नहीं है, घबराना नहीं। लेकिन उन्हें ‘यों’ प्रतिक्रमण करके पलट देना। उससे बहुत ही उच्च धर्मध्यान होगा!
परम पूज्य दादा भगवानअंतरशत्रु का जिन्होंने नाश कर दिया है, ऐसे अरिहंत को नमस्कार करता हूँ। अंतरशत्रुओं को पहचानो। क्रोध-मान-माया-लोभ, ये अंतरशत्रु हैं!
परम पूज्य दादा भगवानक्रोध-मान-माया-लोभ ऐसे होने चाहिए कि अन्य किसी के लिए दुःखदाई नहीं हों। अन्य किसी को भी दुःखदाई नहीं, खुद को ही दुःख दें। इतनी लिमिट हो, तब तक मोक्षमार्ग है।
परम पूज्य दादा भगवानsubscribe your email for our latest news and events