
‘मोक्ष में जाते हुए विघ्न अनेक प्रकार के होने से उनके सामने ‘शुद्ध चेतन’ अनंत शक्ति वाला है!’ ये विघ्न तो माया के हैं!!
परम पूज्य दादा भगवानजहाँ पर हिंसकभाव नहीं रहे वह संयमी कहलाता है। क्रोध-मान-माया-लोभ में भी हिंसक भाव न रहें, वह संयम कहलाता है। संयमी मोक्ष में जाता है।
परम पूज्य दादा भगवानमाया यानी घोर अज्ञानता। अज्ञानता के कारण ये दुःख हैं। इस दुनिया में दुःख है ही नहीं। यदि दुःख होता तो सभी को होना चाहिए।
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