संसार में अनेक तरह के उपादान हैं, लेकिन सब से अंतिम उपादान, मोक्ष का उपादान, खुद का स्वरूप, शुद्धात्मा है!
परम पूज्य दादा भगवान‘एडजस्ट एवरीव्हेर’, यह वाक्य आपके संसार को ‘टॉप’ पर ले जाएगा। व्यवहार को भी ‘टॉप’ पर ले जाए बिना कोई मोक्ष में नहीं गया है। व्यवहार आपको छोड़े नहीं, उलझाता रहे तो आप क्या करोगे? इसलिए व्यवहार को फटाफट सुलझा दो।
परम पूज्य दादा भगवान‘सिन्सियर’ रहने से संसार में किसी भी प्रकार का भय नहीं रहता और (यह गुण) मोक्ष में ले जाता है!
परम पूज्य दादा भगवानजहाँ पर हिंसकभाव नहीं रहे वह संयमी कहलाता है। क्रोध-मान-माया-लोभ में भी हिंसक भाव न रहें, वह संयम कहलाता है। संयमी मोक्ष में जाता है।
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