
‘एडजस्ट एवरीव्हेर’, यह वाक्य आपके संसार को ‘टॉप’ पर ले जाएगा। व्यवहार को भी ‘टॉप’ पर ले जाए बिना कोई मोक्ष में नहीं गया है। व्यवहार आपको छोड़े नहीं, उलझाता रहे तो आप क्या करोगे? इसलिए व्यवहार को फटाफट सुलझा दो।
परम पूज्य दादा भगवानमोक्ष मार्ग मुश्किल नहीं है। संसार मार्ग मुश्किल है। सब से आसान है मोक्ष मार्ग। खिचड़ी बनाना भी उससे ज़्यादा मुश्किल है!
परम पूज्य दादा भगवानमोक्ष तो, जब तक शुद्धता उत्पन्न नहीं हो जाती, तब तक नहीं हो सकता। शुद्धता के लिए ‘मैं कौन हूँ’ का भान होना चाहिए।
परम पूज्य दादा भगवानसद्भाव किया जाए, उच्च भाव किया जाए, वह ‘पॉज़िटिव’ पुरुषार्थ है। उससे ऊर्ध्वगति होती है। उल्टा भाव करे तो वह ‘नेगेटिव’ पुरुषार्थ है। उससे अधोगति में जाता है। और वास्तविक पुरुषार्थ तो, ‘खुद’ पुरुष होकर करे तो मोक्ष में जाता है!
परम पूज्य दादा भगवान‘मोक्ष में जाते हुए विघ्न अनेक प्रकार के होने से उनके सामने ‘शुद्ध चेतन’ अनंत शक्ति वाला है!’ ये विघ्न तो माया के हैं!!
परम पूज्य दादा भगवानसंसार में अनेक तरह के उपादान हैं, लेकिन सब से अंतिम उपादान, मोक्ष का उपादान, खुद का स्वरूप, शुद्धात्मा है!
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